नैदानिक मनोविज्ञान विभाग

नैदानिक मनोविज्ञान विभाग, केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान में एक स्वतंत्र विभाग है। यह विभाग मरीज देखभाल, शिक्षण, अनुसंधान, संसाधन विकास और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में काम करता है। इस विभाग की कल्पना सन् 1922 में ही की गई थी, जब इस अस्पताल में मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और प्रबंधन के लिए एक अलग ब्लॉक का निर्माण किया गया था। यह भारत में नैदानिक मनोविज्ञान का सबसे पुराना स्वतंत्र विभाग है। अधिकारिक तौर पर नैदानिक मनोविज्ञान विभाग की शुरूआत सन् 1949 में हुई। इस प्रकार इसे देश में पहला नैदानिक मनोविज्ञान प्रयोगशाला होने का गौरव हासिल है। इस विभाग में मनोविश्लेषण को व्यक्तित्व विकारों की ईलाज करने की एक विधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। आदत गठन चार्ट का प्रयोग सन् 1924 से ही इस विभाग में प्रचलन में था। पिछले कुछ वर्षों में, इस विभाग में शिक्षण, प्रशिक्षण, शोध और नैदानिक सेवाओं के क्षेत्र में कई मील के पत्थर हासिल किये हैं।

  • 1950 के दशक में बिहैवियर थेरपी कक्ष की स्थापना।
  • 1962 में चिकित्सा एवं सामाजिक मनोविज्ञान (एम एण्ड एस.पी.) में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की शुरूआत, जो बाद में चिकित्सा एवं सामाजिक मनोविज्ञान में एफ.फिल. के नाम से जाना गया एवं जिसे वर्तमान में नैदानिक मनोविज्ञान में एफ.फिल. कहा जाता है।
  • 1972 में नैदानिक मनोविज्ञान में पी.एचडी. की शुरूआत।
  • 2013 में आत्महत्या निवारण हेल्पलाईन और आत्महत्या निवारण क्लिनिक की शुरूआत।

विभागीय गतिविधियाँ:

यह विभाग नैदानिक मनोविज्ञान के छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार के साप्ताहिक शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इन शैक्षणिक कार्यक्रमों में अनेक विभागीय सेमिनार एवं साईकोथेरपी बैठकें होती हैं, साथ ही एम.फिल. एवं पीएचडी के छात्रों सहित मनोचिकित्सा के अन्य विधाओं जैसेः मनोचिकित्सा सामाजिक कार्य, मनोचिकित्सा नर्सिंग आदि के छात्रों के लिए भी नियमित रूप से कक्षाएँ आयोजित की जाती है। ये कक्षाएँ पाठ्यक्रम के विषयों पर आधारित होती हैं तथा इन कक्षाओं की शिक्षण पद्धति में दृश्य-श्रव्य सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। प्रशिक्षुओं को विभागीय केस कांफ्रेंस, सेमिनार एवं जर्नल क्लब में भाग लेना पड़ता है और अपनी प्रस्तुति देनी होती है।

प्रशिक्षण एवं अनुसंधान :

छात्रों के नैदानिक प्रशिक्षण में बाह्य मरीजों एवं भर्ती मरीजों के साथ काम करना शामिल है। उन्हें मरीजों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन एवं मनो-चिकित्सा में दक्षता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षाणार्थियों को मरीजों की देखभाल, मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन एवं मनोचिकित्सा के संबंध में अपने संकाय विशेषज्ञ द्वारा नियमित रूप से उचित दिशा-निर्देश प्राप्त होता रहता है। नैदानिक मनोविज्ञान के अनेक क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने हेतु प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को बारी-बारी विभिन्न विशिष्टताओं से गुजरना होता है। इसके तहत् उन्हें एक गाईड के दिशा-निर्देशन में एक अनुसंधान विषय पर शोध-प्रबंध प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। इस दौरान वे नैदानिक अनुसंधान के विभिन्न आयामों से परिचित होते हैं। प्रशिक्षुओं का कौशल विकसित करने के लिए उन्हें विभिन्न कार्यशालाओं, प्रशिक्षणों और सम्मेलनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

नैदानिक सेवाएँ :

इस विभाग का मनोसामाजिक इकाई संस्थान के विभिन्न वार्डों से आए मरीजों के अलावा बाह्य रोगियों को भी नैदानिक सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन सेवाओं में मनो-नैदानिक मूल्यांकन, तंत्रिका मनोविज्ञान मूल्यांकन, मनोशिक्षण एवं मनोचिकित्सा व पूर्णवास के विभिन्न तरीके शामिल हैं। इसके अलावा यह विभाग समुदाय में भी अपनी सेवाएँ देता है। इसके तहत् वेस्ट बोकारो और हजारीबाग के सामुदायिक विस्तार क्लिनिक में विद्यालय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

नैदानिक मनोविज्ञान प्रयोगशाला

वर्तमान में, यह प्रयोगशाला विभिन्न प्रकार के परीक्षण, मनोवैज्ञानिक जाँच एवं गुणात्मक अनुसंधान के संचालन के लिए पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करता है। यह प्रयोगशाला छात्रों को कम्प्यूटर आधारित प्रयोगों और सामाजिक प्रयोगों को संचालित करते में सक्षम बनाता है। यह प्रयोगशाला मानव के व्यक्तित्व, व्यवहार और संज्ञानात्मक क्रिया विधि के अनेक गतिविधियों के मूल्यांकन हेतु विभिन्न जाँचों से पूर्णतः सुसज्जित है। पिछले कुछ वर्षों में इस प्रयोगशाला में कुछ नए उपकरण जोड़ें गए हैं जिनमें कैंब्रिज ऑटोमैटेड टेस्ट बैटरी (सीएएनटीएबी), कम्प्यूटरीकृत डब्लूसीएसटी, कम्प्यूटरीकृत रॉर्शाक इंटरप्रेटेशन, न्यूरो-पूर्णवास के लिए पीओएसआईटी साइंस साफ्टवेयर, डब्लूआईएससी-4 इंडिया और डब्लूएआईएस-4 इंडिया शामिल है। इस प्रयोगशाला में आमतौर पर उपब्लध उपकरणों का ब्योरा इस प्रकार है-:

उपकरण नाम
न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्टिंग लूरिया-नेब्रास्का न्यूरोसाइकोलॉजिकल बैटरी, डब्लूयूसीएसटी, रैवेन प्रोग्रेसिव मैट्रिसेस।
व्यक्तित्व मूल्यांकन एमसीएमआई-3, टीएटी, 16 पीएफ, होल्त्जमैन इंकब्लॉट टेस्ट, एनईओ-एमपीक्यू, डीएमआई, रॉर्शाक, इंकब्लॉट टेस्ट।
साइको-डायग्नोस्टिक मूल्यांकन एमएमपीआई-2, डिस्लेक्सिया स्क्रीनिंग टेस्ट, एएएमआर, एडेप्टिव बिहैवियर स्केल, फेसियल रेकॉग्निशन टेस्ट, तस्वीर आधारित कहानी बनाना।
स्केल और चेकलिस्ट रोटर्स लोकस ऑफ़ कंट्रोल स्केल, पीजीआई स्वास्थ्य प्रश्नावली, आईपीएटी न्युरोटिसिज्म स्केल।
एड इन टेस्टिंग के लिए औजार डब्लूसीएसटी सॉफ्टवेयर, सीएएनटीएबी सॉफ्टवेयर, रिएक्शन टाइम एपरेटस, सेक्स थेरेपी उपकरण।
एड इन थेरेपी के लिए औजार बायोफीडबैक, न्यूरो-फीडबैक, ब्रेन पीओएसआईटी साइंस फिटनेस प्रोग्राम और ड्राइविंग प्रोग्राम, निवारण चिकित्सा के लिए उपकरण।

मनोसामाजिक इकाईः

इस इकाई का उद्देश्य मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्याओं वाले व्यक्तियों का उपचार करना है। यहाँ पर मरीज परामर्श के लिए सीधे इकाई में जा सकते हैं। बाह्य रोगी विभाग में आने वाले मरीजों को भी उपचार के लिए इस इकाई में भेजा जाता है। यहाँ पर दी जाने वाली सेवाओं में परामर्श, मनोचिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक निदान शामिल है। मुख्य रूप से इस विभाग में कुछ विशेष समस्याओं जैसेः बाल अवसाद, सीखने की समस्या, ऑटिज्म (आत्मकेद्रित विकार), मानसिक मंदता, आत्महत्या, मंदबुद्धि, चिन्ता विकार, मिरगी, सिरदर्द, पारिवारिक समस्याएँ, मादक द्रव्य सेवन, यौन विकार आदि जैसे रोगों का उपचार किया जाता है। इस इकाई द्वारा दो विशेष क्लिनिक भी चलाया जाता है जो प्रत्येक बुधवार को ऑबसेसिव कम्पलसिव डिस्ऑर्डर (ओसीडी) एवं प्रत्येक शनिवार को आत्महत्या निवारण संबंधी उपचार के लिए है।

वर्ष 2019 के आँकड़े

मूल्यांकन कुल
साईकोडायग्नोस्टिक्स 687
इंटेलिजेंस एसेशमेंट 401
न्यूरोसाईकोलॉजी 51
अन्य परीक्षण (विकलांगता/मनोविज्ञान) 3
कुल 1142
थेरपी Total
बिहैवियर थेरपी 285
कागनिटिव थेरपी 479
एमईटी/आरपीटी 354
सपोर्टिव थेरपी 3
ग्रुप थेरपी 887
सेक्स थेरपी 2
वैवाहिक/पारिवारिक थेरपी 6
कुल 2016

Sr No Name Designation
1