मनोचिकित्सा नर्सिंग विभाग

जब सन् 1918 में इस संस्थान की स्थापना हुई तो यहाँ मैट्रन (मातृका) सहित पाँच यूरोपीय महिला नर्स (परिचारिकाएँ) एवं सात यूरोपीय पुरूष अटेंडेंट (अनुचर) थे। इस विभाग को यह गौरव हासिल है कि यहाँ से ही सर्वप्रथम एक भारतीय महिला नर्स को मनोचिकित्सा नर्सिंग में प्रशिक्षण के लिए माड्स्ले अस्पताल, लंदन भेजा गया जिसने प्रशिक्षण के बाद वापस आकर इस संस्थान में मैट्रन का पद संभाला। इस संस्थान में मनोचिकित्सा नर्सिंग विभाग की स्थापना की गई एवं 01 अगस्त, 1983 से राँची विश्वविद्यालय के अंतर्गत इस संस्थान में मनोचिकित्सा नर्सिंग का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया। सन् 2014 में इस पाठ्यक्रम को भारतीय नर्सिंग परिषद (आईएनसी), नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त हुआ एवं मनोचिकित्सा नर्सिंग में डिप्लोमा (पोस्ट बेसिक) पाठ्यक्रम में 15 सीटों पर दाखिले का अनुमोदन राज्य नर्सिंग परिषद (एसएनसी), झारखंड एवं राँची विश्वविद्यालय द्वारा मिला। इस अस्पताल में अन्य राज्यों जैसेः बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं पंजाब आदि से नर्सिंग के विद्यार्थी मनोचिकित्सीय प्रशिक्षण हेतु आते हैं। यहाँ उन्हें वार्डों एवं नैदानिक सेवाओं की विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

विभागीय गतिविधियाँ

प्रशिक्षण

प्रशिक्षु विद्यार्थियों को सुबह में वार्ड की विभिन्न गतिविधियों में सहयोग करना होता है। तत्पश्चात अपराह्न में उनके लिए शिक्षाप्रद व्याख्यान का आयोजन होता है। प्रशिक्षु छात्र/छात्राओं को संस्थान के सामान्य शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसेः सेमिनार, केस कांफ्रेंस एवं जर्नल क्लब आदि में सक्रिय रूप से भाग लेना होता है। अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान, छात्रों को मानव व्यवहार के विविध आयामों, मानसिक रूप से बीमार मरीजों की देखभाल, समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने एवं अस्पताल में मानसिक बीमार मरीजों के पूणर्वास व स्वास्थ्य को प्रतिस्थापित करने की समझ विकसित होती है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नर्सों को यह समझ विकसित करने पर बल देता है कि वे दूसरे के प्रति स्वयं के व्यवहार को समझ सके। यह कार्यक्रम नर्सों को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यक क्षमता विकसित करने एवं अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

नैदानिक सेवाएँ

मनोचिकित्सा नर्सिंग विभाग अपने प्रतिबद्ध नर्सिंग अधिकारियों के सहयोग से चैबीसों घंटे नैदानिक, पुनर्वास एवं सामुदायिक सेवाएँ प्रदान करती है। कार्यरत नर्सों के द्वारा भर्ती मरीजों हेतु दवाईयाँ एवं शारीरिक उपचार से संबंधित सभी निर्देशों के अनुपालन के अलावा भर्ती मरीजों से संबंधित सभी प्रकार की आवश्यक देखभाल की जाती है। नर्सिंग कर्मचारी मरीजों की विभिन्न गतिविधियों को व्यवस्थित करने, मरीजों एवं उनके अभिभावकों को मानसिक शिक्षण उपलब्ध कराने, तथा मरीजों को मनोरंजक एवं व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल करने में निरंतर सहयोग करते है।

2019 में विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण के लिए आने वाले नर्सिंग छात्र/छात्राओं की संख्या 1256 थी।

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